Add To collaction

होली गीत

होली गीत

प्रेम रंग रस घोलो मन में ,
होली संग मनाएंगे । मीठी-मीठी बातें करने,
हम घर-घर में जाएंगे।

लोभ मोह व लालच ईर्ष्या ,
तन मन से हटवाएंगे ।
बैर घृणा की सरसों मिर्ची ,
होली संग जलाएंगे ।

ऊंच नीच का भेदभाव तज, प्रीति कि रीति सिखाएंगे ।
भाईचारे की रंग गुलाल से ,
जन-जन को अपनाएंगे।

होली के दिन बैर भुलाकर, सबको गले लगाएंगे । अपनापन होगा घर-घर में, 
य अनजान सिखलाएंगे।

 स्वरचित व मौलिक 
डॉक्टर रामभरोसा पटेल "अनजान"
 शिक्षक व साहित्यकार 
रेडियो, दूरदर्शन गीतकार
 छतरपुर मध्य प्रदेश।

   7
4 Comments

Gunjan Kamal

08-Apr-2024 11:14 PM

बहुत खूब

Reply

Gunjan Kamal

08-Apr-2024 11:13 PM

बहुत खूब

Reply

Punam verma

25-Mar-2024 08:56 AM

Very nice👍

Reply